हिंदी कविता भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग है। हिंदी कविता के उदभव का समय बहुत पुराना है और इसका विकास भी स्वतंत्रता संग्राम के बाद तेजी से हुआ। हिंदी कविता में भावनात्मकता, दृष्टिकोण और भाषा के सौंदर्य का बहुत अधिक महत्व होता है।
हिंदी कविता की शुरुआत संस्कृत काव्य से हुई थी जो उत्तर भारत में प्रचलित था। इसके बाद हिंदी कविता में मधुर भाषा के साथ ध्वनियों का खूब उपयोग किया गया जिससे इसकी शैली में विशेष विकास हुआ। हिंदी कविता के प्रमुख विषयों में प्रेम, विरह, प्रकृति, धर्म, समाजिक मुद्दे और राष्ट्रीय चेतना शामिल हैं।
हिंदी कविता के प्रमुख कवि महाकवि तुलसीदास, सूरदास, रहीम, अख़्तर अली ख़ान ‘शेर’, जयशंकर प्रसाद, मैथिलीशरण गुप्त, हरिवंश राय बच्चन, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, अतुल प्रकाश और केदारनाथ अग्रवाल शामिल हैं।
वो बातें मेरे ही जेहन में सब दबी निकली – हिंदी कविता
वो बोलता रहा इक बात ना नयी निकली,
जो उसने बोला वो सब बात ही कही निकली!सुनाता सबको अगर मैं कहीं गलत होता,
यकीन मानो न मुझमें कोई कमी निकली!जो शक था मेरा मेरे वो भी सामने आया,
खुशी हुई कि मेरी उलझने सही निकली!मुझे तलाश थी जिस चीज़ की जमाने में,
वो चीज मेरे ही आंगन में तब छुपी निकली!भुलाना चाहा तो वो याद फिर बहुत आयी,
वो बातें मेरे ही जेहन में सब दबी निकली!!
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तेरा इश्क भूल जाएं तो बेहतर है – हिंदी कविता
अब तो तेरा इश्क भूल जाएं तो बेहतर है।
तू अब लौट कर ना ही आए तो बेहतर है।ज़िन्दगी अब ज़िन्दगी ना रही मगर क्या कहें
तेरे साथ जितनी गुजारी उससे तो बेहतर है।तुम कह गए थे खुश रहना मेरे बाद मगर
इस तरह की खुशी से तो गम बेहतर है।मुझे छोड़ कर चुना तुमने किसी और को
चलो मान लिया तुम्हारे लिए वो बेहतर है।बेशक रुलाती है मगर बेवफ़ा तो नही है।
तुम्हारे चले जाने से तो तुम्हारी यादें बेहतर हैं।
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थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै… – हिंदी कविता
“थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै…
इसलिए, दूर निकलना छोड़ दिया है,
पर ऐसा भी नही हैं कि अब…
मैंने चलना ही छोड़ दिया है।फासलें अक्सर रिश्तों में…
अजीब सी दूरियां बढ़ा देते हैं,
पर ऐसा भी नही हैं कि अब मैंने..
अपनों से मिलना ही छोड़ दिया है।हाँ जरा सा अकेला महसूस करता हूँ…
खुद को अपनों की ही भीड़ में,
पर ऐसा भी नहीं है कि अब मैंने…
अपनापन ही छोड़ दिया है।याद तो करता हूँ मैं सभी को…
और परवाह भी करता हूँ सब की,
पर कितनी करता हूँ…
बस, बताना छोड़ दिया है।।”
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जीना सिखाए जा रहा है – हिंदी कविता
दिन-बदिन,
तेरी आदत मुझको लगाए जा रहा है।
तुझे पाया नहीं अबतक,
तुझे खोने का डर सताए जा रहा है।
मेरे हाथों से छीनकर,
अपने हिसाब से जिंदगी चलाए जा रहा है।
तेरे आने से,
दिल मेरा, अब उसको भुलाए जा रहा है।
कुछ हुआ है अलग,
तेरे आने से, बताए जा रहा है।
एक बार फिर से,
मुझको जीना, सिखाए जा रहा है।
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उसकी अहमियत बताना भीतेरा साथ न मिला – हिंदी कविताहाथ थाम कर भी तेरा सहारा न मिलामें वो लहर हूँ जिसे किनारा न मिलामिल गया मुझे जो कुछ भी चाहा मैंनेमिला नहीं तो सिर्फ साथ तुम्हारा न मिलावैसे तो सितारों से भरा हुआ है आसमान मिलामगर जो हम ढूंढ़ रहे थे वो सितारा न मिलाकुछ इस तरह से बदली पहर ज़िन्दगी की हमारीफिर जिसको भी पुकारा वो दुबारा न मिलाएहसास तो हुआ उसे मगर देर बहुत हो गयीउसने जब ढूँढा तो निशान भी हमारा न मिला💔🥀✍️ ज़रूरी है – हिंदी कविताउसकी अहमियत है क्या, बताना भी ज़रूरी है !
है उससे इश्क़ अग़र तो जताना भी ज़रूरी है !!अब काम लफ़्फ़ाज़ी से तुम कब तक चलाओगे !
उसकी झील सी आंखों में डूब जाना भी ज़रूरी है !!दिल के ज़ज़्बात तुम दिल मे दबा कर मत रखो !
उसको देख कर प्यार से मुस्कुराना भी ज़रूरी है !!उसे ये बारहा कहना वो कितना ख़ूबसूरत है !
उसे नग्मे मोहब्बत के सुनाना भी ज़रूरी है !!किसी भी हाल में तुम छोड़ना हाथ मत उसका !
किया है इश्क़ गर तुमने, निभाना भी ज़रूरी है !!सहर अब रूठना तो इश्क़ में है लाज़मी लेकिन !
कभी महबूब गर रूठे तो मनाना भी ज़रूरी है !!
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Heart Touching Kavita in Hindi
ख़ुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं – हिंदी कविता
गलतियों से जुदा तू भी नहीं और मैं भी नहीं,
दोनों इंसान हैं खुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं।गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां,
वरना फितरत का बुरा तू भी नहीं मैं भी नहीं।अपने अपने रास्तों पे दोनो का सफ़र जारी रहा,
एक लम्हें को रुका तु भी नहीं मैं भी नहीं ।चाहते बहुत थे दोनों एक दूसरे को
मगर ये हक़ीक़त मानता तु भी नहीं मैं भी नहीं।गलतियों से जुदा तू भी नहीं और मैं भी नहीं,
दोनों इंसान हैं ख़ुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं।
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New Kavita In Hindi
मुस्कुरा दिया करता हूँ – हिंदी कविता
उलझनें है बहुत
सुलझा लिया करता हूँ
फोटो खिंचवाते वक्त मैं अक्सर
मुस्कुरा दिया करता हूँ…!क्यों नुमाइश करू मैं अपने
माथे पर शिकन की
मैं अक्सर मुस्कुरा के
इन्हें मिटा दिया करता हूँक्योंकि
जब लड़ना है खुद को खुद ही से……!
तो हार और जीत में कोई फर्क नहीं रखता हूं….!हारूं या जीतूं कोई रंज नहीं
कभी खुद को जिता देता हूँ
कभी खुद ही जीत जाया करता हूं
इसलिए भी मुस्कुरा दिया करता हूँ..
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कहानी अधूरी रह जाएगी – हिंदी कविता
शायद तेरी मेरी कहानी अधूरी रह जाएगी
हमारे इश्क़ की दास्तां यहीं दफन हो जाएगीलगाएगी ये दुनिया हम पर हजारों बंदिशें लेकिन
हमारी प्रेम कहानी फिर भी अमर हो जाएगीकुछ पल ही बिता पाएंगे एक दूसरे के साथ
फिर जिंदगी पता नहीं किस मोड़ पर ले आएगीना तू मेरे साथ, ना मैं तेरे साथ
एक दूसरे की कमी हमें बहुत सताएगीलेकिन तू बेफिक्र होकर मुझ पर विश्वास करना
मेरे दिल में तेरी जगह किसी को ना मिल पाएगीअभी तो हजारों रंग बदलेगी ये ज़िन्दगी
ना तू मुझे भूलना, ना मैं तुझे
ऐसे ही एक दूसरे की याद के साथ
जिंदगी गुजर जाएगी ।।
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खवाब से अब ज़रा जगने लगा हूँ – हिंदी कविता
खवाब से अब ज़रा जगने लगा हूँ
जिंदगी को बेहतर समझने लगा हूं।उड़ता था शायद कभी ऊँची हवा में,
जमीं पर अब पैदल चलने लगा हूँ।लफ़्ज़ों की मुझको ज़रूरत नहीं है,
चेहरों को जब से मैं पढ़ने लगा हूँ।थक जाता हूं अक्सर अब शोर से,
खामोशियों से बातें करने लगा हूँ।दुनियाँ की बदलती तस्वीर देख कर,
शायद मैं कुछ कुछ बदलने लगा हूँ।नफ़रत के ज़हर को मिटाना ही होगा,
इरादा यह मज़बूत करने लगा हूँ।परवाह नहीं कोई साथ आए मेरे,
मैं अकेला ही आगे बढ़ने लगा हूँ।
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Breakup Kavita Sad
हर बार कसूर हवा का नही होता – हिंदी कविता
ऐ उम्र ?
कुछ कहा मैंने,
पर शायद तूने सुना नहीं..!
तू छीन सकती है बचपन मेरा,
पर बचपना नहीं..!!हर बात का कोई जवाब नही होता…,
हर इश्क का नाम खराब नही होता…!
यूं तो झूम लेते है नशे में पीनेवाले..
मगर हर नशे का नाम शराब नही होता…!खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है….!
हंसती आखों में भी जख्म गहरे होते है….!
जिनसे अक्सर रुठ जाते है हम,
असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है….!किसी ने खुदा से दुआ मांगी.!
दुआ में अपनी मौत मांगी,
खुदा ने कहा, मौत तो तुझे दे दें मगर…!
उसे क्या कहूँ जिसने तेरी जिंदगी मांगी…!हर इंन्सान का दिल बुरा नही होता…
हर एक इन्सान बुरा नही होता.
बुझ जाते है दीये कभी तेल की कमी से….!
हर बार कसूर हवा का नही होता..
कोई बदनसीब, कोई मुक़द्दर का सिक्कंदर क्यों है.. – हिंदी कविता
तेरी इस दुनिया में ये मंज़र क्यों है…
कहीं अपनापन तो कहीं पीठ में खंजर क्यों है…सुना है तू हर ज़रे में है रहता,
फिर ज़मीं पर कहीं मस्जिद कहीं मंदिर क्यों है…जब रहने वाले दुनियां के हर बन्दे तेरे हैं,
फिर कोई दोस्त तो कोई दुश्मन क्यों है..तू ही लिखता है हर किसी का मुक़द्दर,
फिर कोई बदनसीब, कोई मुक़द्दर का सिक्कंदर
क्यों है..
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हिंदी कविता क्या है?
हिंदी कविता एक साहित्यिक रूप है जो भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसमें भावनात्मकता, दृष्टिकोण और भाषा के सौंदर्य का बहुत अधिक महत्व होता है।
हिंदी कविता की शुरुआत किससे हुई?
हिंदी कविता की शुरुआत संस्कृत काव्य से हुई थी जो उत्तर भारत में प्रचलित था।
हिंदी कविता के प्रमुख विषय क्या हैं?
हिंदी कविता के प्रमुख विषयों में प्रेम, विरह, प्रकृति, धर्म, समाजिक मुद्दे और राष्ट्रीय चेतना शामिल हैं।
हिंदी कविता में कौन-कौन से प्रमुख कवि हैं?
हिंदी कविता के प्रमुख कवि महाकवि तुलसीदास, सूरदास, रहीम, अख़्तर अली ख़ान ‘शेर’, जयशंकर प्रसाद, मैथिलीशरण गुप्त, हरिवंश राय बच्चन, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, अतुल प्रकाश और केदारनाथ अग्रवाल शामिल हैं।